नॉन इंटरलॉकिंग के बाद OHE लाइन लगाना भूला रेलवे, रेलवे बोर्ड से पड़ी फटकार

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Posted by Rail Bureau on 2024-07-09 12:04:22 | Last Updated by Rail Bureau on 2024-10-07 11:37:45

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नॉन इंटरलॉकिंग के बाद OHE लाइन लगाना भूला रेलवे, रेलवे बोर्ड से पड़ी फटकार

(A crazy Incident in Gujarat as OHE works are incomplete) राजकोट-खंडेरी-पद्धरी (RJT-PDH Section) के बीच अधूरे ओवरहेड इलेक्ट्रिकल कार्य के कारण ट्रेन सेवाएं बाधित

7 जुलाई को राजकोट-हापा खंड पर राजकोट-खंडेरी-पद्धरी (RJT-KHDI-PDH) मार्ग के दोहरीकरण के लिए गैर-इंटरलॉकिंग (NI) संचालन के बाद अधूरे ओवरहेड इलेक्ट्रिकल (OHE) कार्य के कारण ट्रेन सेवाएं बाधित हो गईं। इस कारण से, राजकोट से पद्धरी के बीच ट्रेनों को डीजल इंजनों के साथ चलाना पड़ा और पद्धरी में इलेक्ट्रिक इंजन से बदलना पड़ा।

पश्चिम रेलवे के अधिकारियों को रेलवे बोर्ड से एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें राजकोट मंडल में ट्रेन सेवाओं में देरी को उजागर किया गया। पत्र में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर त्वरित ध्यान और कार्रवाई की मांग की गई है।

देरी और परिचालन चुनौतियां

अधूरे OHE कार्य के कारण राजकोट मंडल में ट्रेनों की देरी हुई। रेलवे बोर्ड ने पश्चिम रेलवे से NI कार्य के दौरान लिए गए TRD (ट्रैक्शन डिस्ट्रीब्यूशन) ब्लॉकों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट से परिचालन में बाधाओं का पता चलेगा और किए गए कार्य की विस्तृत समयरेखा प्रदान की जाएगी।

अधूरे OHE कार्य के कारण

रेलवे बोर्ड ने राजकोट-खंडेरी-पद्धरी खंड में अधूरे OHE कार्य के कारणों को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया है। किसी भी लॉजिस्टिकल, तकनीकी, या प्रशासनिक मुद्दों की पहचान करना महत्वपूर्ण है जो देरी का कारण बने। भविष्य में ऐसी समस्याओं को रोकने और चल रहे कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए एक गहन जांच आवश्यक है।

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वाबदेही और कार्रवाई

पत्र में उन व्यक्तियों या टीमों की जानकारी भी मांगी गई है जो OHE कार्य को पूरा करने में देरी के लिए जिम्मेदार हैं। पश्चिम रेलवे से उन लोगों के खिलाफ की गई दंडात्मक कार्रवाइयों का विवरण देने की आवश्यकता है। इस जवाबदेही उपाय का उद्देश्य अनुशासन लागू करना और ऐसी देरी को दोबारा होने से रोकना है।

ट्रेन सेवाओं पर प्रभाव

इस स्थिति ने राजकोट से पद्धरी के बीच यात्रा के महत्वपूर्ण हिस्से के लिए डीजल इंजनों के उपयोग को आवश्यक बना दिया। इससे न केवल परिचालन की दक्षता प्रभावित हुई बल्कि ईंधन लागत और पर्यावरणीय प्रभाव भी बढ़ा। पद्धरी में इलेक्ट्रिक इंजनों में परिवर्तन ने संचालन को और जटिल बना दिया, जिससे यात्रियों को अतिरिक्त देरी और असुविधा हुई।

आगे की राह

पश्चिम रेलवे को प्रभावित खंड में सामान्य ट्रेन संचालन को बहाल करने के लिए OHE कार्य को पूरा करने को प्राथमिकता देनी चाहिए। रेलवे अधिकारी परियोजना प्रबंधन प्रक्रियाओं की विस्तृत समीक्षा करने और शेष कार्य को शीघ्रता से पूरा करने के लिए सुधारात्मक उपायों को लागू करने की संभावना रखते हैं।

निष्कर्षतः, 7 जुलाई को राजकोट-खंडेरी-पद्धरी खंड में हुई व्यवधानें रेलवे अवसंरचना परियोजनाओं की सटीक योजना और निष्पादन की आवश्यकता को उजागर करती हैं। इन समस्याओं का त्वरित समाधान सुचारू और कुशल ट्रेन संचालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है, जिससे यात्रियों को असुविधा कम हो और संसाधनों का अनुकूलन हो सके।

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