हादसे के बाद रेलवे ने किया बड़ा सुधार: ड्राइवर अब ऑथॉरिटी के साथ भी फेल सिग्नल पार नहीं कर पाएंगे।

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Posted by admin on 2024-06-23 10:36:25 |

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हादसे के बाद रेलवे ने किया बड़ा सुधार: ड्राइवर अब ऑथॉरिटी के साथ भी फेल सिग्नल पार नहीं कर पाएंगे।

पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) ने कंचनजंघा एक्सप्रेस और मालगाड़ी के बीच हुई टक्कर के बाद सुरक्षा निर्देशों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इस हादसे में 10 लोगों की जान चली गई थी। 21 जून को जारी एक आदेश में, ईसीआर ने अपने क्षेत्र के सभी स्टेशन मास्टरों को निर्देश दिया है कि वे स्वचालित सिग्नल सिस्टम में खराबी की स्थिति में ट्रेन ड्राइवरों को सिग्नल पार करने का अधिकार देने वाला फॉर्म टी/ए 912 जारी न करें।

सुरक्षा बैठक में लिया गया अहम फैसला

ईसीआर के महाप्रबंधक द्वारा प्रधान विभागाध्यक्ष और डीआरएम (मंडल रेल प्रबंधक) के साथ की गई एक सुरक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। ईसीआर ने बताया, “इस बैठक में यह फैसला किया गया है कि स्वचालित सिग्नल की खराबी के दौरान टी/ए 912 को अगली सलाह तक जारी नहीं किया जाएगा।”

नियमों में किया गया बदलाव

ईसीआर के आदेश के अनुसार, टी/ए 912 की जगह अब दोहरी लाइन के लिए अगले आदेश तक जीएंडएसआर 9.02 का नोट जारी किया जाएगा। इस नए नियम के तहत, स्वचालित सिग्नल सिस्टम की खराबी की स्थिति में ट्रेन चालक को दिन के समय एक मिनट और रात में दो मिनट के लिए रुकना होगा। इसके बाद, यदि आगे का दृश्य स्पष्ट है तो वह 15 किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ सकते हैं। अगर अगले सिग्नल तक दृश्य बाधित है तो चालक को 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ना होगा।

पूर्वी रेलवे का आदेश और चालक यूनियन की प्रतिक्रिया

यह ध्यान देने योग्य है कि पूर्वी रेलवे जोन ने भी 19 जून को इसी तरह का आदेश जारी किया था, लेकिन अगले ही दिन इसे वापस ले लिया गया। चालक यूनियन ने मालगाड़ी चालक को हादसे के लिए जिम्मेदार मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि टी/ए 912 फॉर्म पर गति प्रतिबंध का उल्लेख नहीं था, और उनके सदस्य की कोई गलती नहीं थी।

टी/ए 912 क्या है?

फॉर्म टी/ए 912 एक रेलवे आदेश है जिसे स्वचालित सिग्नल प्रणाली में खराबी के दौरान जारी किया जाता है। इस फॉर्म के जरिए स्टेशन मास्टर, ट्रेन चालक को संकेत देता है कि वह खराब सिग्नल को पार कर सकता है। यह तब जारी किया जाता है जब सिग्नल सिस्टम काम नहीं कर रहा होता और ट्रेन को सुरक्षित रूप से आगे बढ़ाने के लिए एक विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है। हालांकि, इस फॉर्म का उपयोग तभी किया जाता है जब सिग्नल प्रणाली में कोई अस्थायी समस्या होती है।


पूर्व मध्य रेलवे का यह नया आदेश और सुरक्षा प्रोटोकॉल में परिवर्तन, रेल यात्रा को और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उम्मीद है कि इससे भविष्य में इसी तरह की दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।

हादसे के बाद रेलवे ने किया बड़ा सुधार: ड्राइवर अब ऑथॉरिटी के साथ भी फेल सिग्नल पार नहीं कर पाएंगे।

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